जब भी भारत के सबसे सम्मानित और सफल निवेशकों की बात होती है, तो एक नाम हमेशा गौरव से लिया जाता है—अजीम प्रेमजी। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने न केवल विप्रो (Wipro) को एक ग्लोबल IT दिग्गज में बदला, बल्कि अपने निवेश कौशल से भी इतिहास रचा। उनकी निवेश फर्म "प्रेमजी एंड एसोसिएट्स" (Premji & Associates) ने भारतीय स्टॉक मार्केट में एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। इस बायोग्राफी में हम जानेंगे कि प्रेमजी एंड एसोसिएट्स क्या है, इसकी स्थापना कैसे हुई, इसकी निवेश रणनीति क्या है और यह कैसे भारत के सबसे सफल निवेश संगठनों में से एक बना।
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स की स्थापना: एक सोच, जो बदलाव लाई
अजीम प्रेमजी हमेशा से ही नवाचार, दूरदृष्टि और सतत विकास में विश्वास रखते थे। विप्रो के जरिए उन्होंने भारतीय IT उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, लेकिन उनके मन में हमेशा यह सवाल था—"क्या हम सही जगह निवेश कर रहे हैं? क्या हम अपने पूंजी का सही उपयोग कर रहे हैं?" यही सोच 2006 में एक निजी निवेश फर्म "प्रेमजी एंड एसोसिएट्स" की नींव बनी। इस फर्म का उद्देश्य था लॉन्ग-टर्म निवेश, मजबूत कंपनियों की पहचान और सामाजिक प्रभाव के साथ पूंजी बढ़ाना।
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स का निवेश पोर्टफोलियो
इस फर्म ने कई बड़ी कंपनियों में निवेश किया है, जो भारतीय शेयर बाजार में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। कुछ प्रमुख कंपनियां जिनमें प्रेमजी एंड एसोसिएट्स की हिस्सेदारी रही है:
- HDFC Bank – भारत का सबसे भरोसेमंद बैंकिंग संस्थान
- Wipro Limited – IT और टेक्नोलॉजी क्षेत्र का अग्रणी नाम
- Trent Ltd (Tata Group) – रीटेल सेक्टर में तेजी से बढ़ती कंपनी
- Havells India – इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में मजबूत पकड़
- Pharma & Healthcare Stocks – हेल्थकेयर इंडस्ट्री में दीर्घकालिक निवेश
इन कंपनियों में निवेश से पता चलता है कि प्रेमजी एंड एसोसिएट्स मजबूत बिजनेस मॉडल और भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान देता है।
नेट एसेट वैल्यू (NAV) और संपत्ति प्रबंधन
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स की कुल नेट एसेट वैल्यू (NAV) अरबों डॉलर में आंकी जाती है। हालांकि यह एक निजी निवेश फर्म है, लेकिन इसका पोर्टफोलियो और निवेश रणनीति इसे भारत के सबसे प्रभावशाली निवेश संगठनों में से एक बनाते हैं। इसके अलावा, इस फर्म की एक विशेषता यह भी है कि यह लाभ का बड़ा हिस्सा समाज सेवा में लगाती है। अजीम प्रेमजी ने अपने जीवन में परोपकार को विशेष महत्व दिया है और उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा शिक्षा और समाज कल्याण के लिए समर्पित है।
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स से सीखने योग्य बातें
इस निवेश फर्म की सफलता हमें कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है:
- लॉन्ग-टर्म विजन जरूरी है – निवेश में धैर्य सबसे बड़ा गुण है।
- मजबूत बिजनेस मॉडल को पहचानो – केवल उन्हीं कंपनियों में निवेश करो जो आर्थिक रूप से मजबूत हों।
- सतत विकास और नैतिक निवेश महत्वपूर्ण हैं – सिर्फ पैसे कमाने से बड़ा उद्देश्य सामाजिक सुधार होना चाहिए।
- निवेश को सामाजिक सेवा से जोड़ो – असली सफलता वही होती है जो समाज को कुछ वापस दे।
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स क्यों खास है?
प्रेमजी एंड एसोसिएट्स सिर्फ एक निवेश फर्म नहीं, बल्कि नैतिकता, बुद्धिमत्ता और दीर्घकालिक सोच का प्रतीक है। अजीम प्रेमजी ने इसे सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए नहीं, बल्कि सही जगह निवेश कर समाज में बदलाव लाने के लिए स्थापित किया। उनकी सोच हमें सिखाती है कि सच्चा निवेशक वही होता है, जो सिर्फ पैसों की नहीं, बल्कि लोगों की भी परवाह करता है। यही कारण है कि प्रेमजी एंड एसोसिएट्स आज भी भारत के सबसे सम्मानित और भरोसेमंद निवेश संगठनों में से एक है।
अजीम प्रेमजी: भारतीय उद्योग जगत के परोपकारी योद्धा की प्रेरणादायक कहानी
जब भी भारत के सबसे सफल और सम्मानित उद्योगपतियों की बात होती है, तो अजीम प्रेमजी का नाम अग्रणी स्थान पर आता है। वे सिर्फ एक व्यापारी नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी निवेशक, समाज सुधारक और भारत के सबसे बड़े दानवीरों में से एक हैं। जहां अधिकतर उद्योगपति अपने मुनाफे पर ध्यान देते हैं, वहीं अजीम प्रेमजी ने अपने जीवन को शिक्षा, समाज सेवा और भारत की प्रगति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी कहानी संघर्ष, दूरदृष्टि और नैतिकता के साथ व्यवसाय करने के अद्भुत मिश्रण को दर्शाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि अजीम प्रेमजी कौन हैं, उनका जीवन परिचय, उनकी सफलता की कहानी, विप्रो (Wipro) को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सफर, उनकी निवेश कंपनी प्रेमजी एंड एसोसिएट्स और उनके परोपकारी कार्य, जो उन्हें एक असाधारण व्यक्तित्व बनाते हैं।
अजीम प्रेमजी का जीवन परिचय (Biography of Azim Premji in Hindi)
- नाम अजीम हाशिम प्रेमजी
- जन्म 24 जुलाई 1945
- जन्मस्थान मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
- शिक्षा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- कंपनी विप्रो (Wipro Limited)
- उपलब्धियां विप्रो को एक आईटी दिग्गज बनाना, भारत के सबसे बड़े दानदाता
- नेट वर्थ $30 बिलियन+ (2024 तक अनुमानित)
- परोपकारी कार्य अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, प्रेमजी एंड एसोसिएट्स
- उपनाम भारत का "आईटी टाइटन" और "दानवीर उद्योगपति"
संघर्ष से सफलता तक का सफर: विप्रो को वैश्विक ब्रांड बनाने की कहानी
अजीम प्रेमजी का जन्म एक समृद्ध परिवार में हुआ था, लेकिन उनका जीवन संघर्ष और कड़ी मेहनत से भरा रहा। उनके पिता हाशिम प्रेमजी का वनस्पति तेलों (Hydrogenated Oil) का व्यवसाय था, जिसे आज हम "Wipro Limited" के नाम से जानते हैं।
1. पिता की मृत्यु और कंपनी की जिम्मेदारी
1966 में, जब अजीम प्रेमजी मात्र 21 वर्ष के थे, उनके पिता का अचानक निधन हो गया। इस समय वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) में पढ़ाई कर रहे थे। पिता की मृत्यु के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा और विप्रो की कमान संभालनी पड़ी।
2. पारंपरिक बिजनेस से टेक्नोलॉजी की ओर बदलाव
शुरुआती वर्षों में विप्रो वनस्पति तेल, साबुन और अन्य उपभोक्ता उत्पाद बनाती थी। लेकिन प्रेमजी का विजन कुछ और था। उन्होंने 1980 के दशक में आईटी सेक्टर में कदम रखने का निर्णय लिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी परिवर्तनों में से एक साबित हुआ।
3. विप्रो को IT सेक्टर में स्थापित करना
1980 के दशक में भारत में आईटी सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा था। प्रेमजी ने इस अवसर को पहचाना और विप्रो को एक सॉफ्टवेयर और आईटी सर्विस कंपनी के रूप में पुनः स्थापित किया।
- विप्रो ने IBM के भारत छोड़ने के बाद आईटी सेक्टर में तेजी से विस्तार किया।
- कंपनी ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, IT कंसल्टिंग और क्लाउड कंप्यूटिंग में अपना दबदबा बनाया।
आज, विप्रो दुनिया की टॉप 5 आईटी कंपनियों में से एक है और इसका मार्केट कैप लाखों करोड़ों रुपये में है।
4. विप्रो की वर्तमान स्थिति
आज विप्रो दुनिया भर में 60+ देशों में संचालित होती है और 2,50,000+ कर्मचारियों को रोजगार देती है। अजीम प्रेमजी की नेतृत्व क्षमता ने इसे IBM, Accenture, TCS और Infosys जैसी दिग्गज कंपनियों के बराबर खड़ा कर दिया।
अजीम प्रेमजी: भारत के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्ति
अजीम प्रेमजी सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े दानदाताओं में से एक हैं। वे मानते हैं कि धन का असली उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए। 2001 में उन्होंने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में शिक्षा और सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देना है। यह फाउंडेशन भारत के तीस से अधिक राज्यों में शिक्षा और सामाजिक कार्य कर रहा है। अब तक उन्होंने 2 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों और शिक्षकों को सहायता प्रदान की है। अजीम प्रेमजी ने अपनी संपत्ति का लगभग 75% हिस्सा दान कर दिया है, जो लगभग 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। 2013 में वे "गिविंग प्लेज" से जुड़े, जिसे बिल गेट्स और वॉरेन बफेट ने शुरू किया था। वे भारत के पहले ऐसे व्यक्ति बने जिन्होंने अपनी अधिकांश संपत्ति परोपकार के लिए देने का वचन दिया।
निष्कर्ष:
अजीम प्रेमजी की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता सिर्फ पैसा कमाने में नहीं, बल्कि समाज को वापस देने में है। उन्होंने विप्रो को भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक बनाया और साथ ही, अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा परोपकार में लगा दिया। वे एक ऐसे उद्योगपति हैं जो यह साबित करते हैं कि "सफलता सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी होनी चाहिए।"
FAQ:
Q1. अजीम प्रेमजी कौन हैं?
Ans. अजीम प्रेमजी एक भारतीय उद्योगपति, परोपकारी और विप्रो के पूर्व चेयरमैन हैं, जिन्होंने भारत के आईटी सेक्टर को वैश्विक पहचान दिलाई।
Q2. अजीम प्रेमजी की नेट वर्थ कितनी है?
Ans. उनकी नेट वर्थ $30 बिलियन से अधिक है, लेकिन उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया है।
Q3. प्रेमजी एंड एसोसिएट्स क्या है?
Ans. यह एक निजी निवेश फर्म है, जो भारत की मजबूत कंपनियों में लॉन्ग-टर्म निवेश करती है।
Q4. अजीम प्रेमजी की परोपकार में क्या भूमिका है?
Ans. उन्होंने अपनी संपत्ति का 75% से अधिक दान कर दिया और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया।
Q5. क्या अजीम प्रेमजी भारत के सबसे बड़े दानदाता हैं?
Ans. हाँ, वे भारत के सबसे बड़े व्यक्तिगत दानदाता हैं और दुनिया के शीर्ष परोपकारियों में से एक हैं।