शेयर बाजार की 5 ज़रूरी टर्म्स – जो हर निवेशक को जाननी चाहिए

जब हम शेयर बाजार में अपने सपनों की पूंजी लगाते हैं, तो हमारे मन में एक ही सवाल होता है – क्या ये सही फैसला है? और इस सवाल का जवाब छिपा होता है कुछ बुनियादी शब्दों में – PE Ratio, EPS, ROE, Book Value और Face Value। ये शब्द सिर्फ आंकड़े नहीं होते, ये आपके पैसों की सुरक्षा और भविष्य की उम्मीद का पैमाना बनते हैं।

Terms of Share Market | शेयर बाजार के 5 महत्वपूर्ण टर्म्स:

आइए इन टर्म्स को  समझें:


1. PE Ratio (Price to Earnings Ratio) – कमाई के मुकाबले कीमत का आईना

कल्पना कीजिए: आपने एक दुकान देखी, जो ₹10 की कमाई करती है, लेकिन कोई ग्राहक इसके लिए ₹100 देने को तैयार है। अब सोचिए, क्या वो दुकान महंगी है?

PE Ratio यही बताता है — एक रुपये की कमाई के बदले निवेशक कितनी कीमत चुकाने को तैयार है।

📌 फॉर्मूला:

PE Ratio = शेयर की कीमत / प्रति शेयर कमाई (EPS)

🎯 उदाहरण:

अगर किसी शेयर की कीमत ₹200 है और EPS ₹20 है, तो PE Ratio = 200 / 20 = 10

मतलब, आप ₹1 कमाई के लिए ₹10 दे रहे हैं।


💡 क्यों ज़रूरी है?

  • अगर PE कम है, तो शेयर सस्ता हो सकता है — जैसे किसी अनमोल चीज़ का सही वक्त पर मिलना।
  • अगर PE ज्यादा है, तो सतर्क हो जाएं — कहीं चमक-दमक के पीछे छलावा तो नहीं?

👉 PE Ratio एक रौशनी की तरह है, जो अंधेरे में भी सही रास्ता दिखाती है।


2. EPS (Earnings Per Share) – मेहनत की कमाई का हिसाब

जैसे एक किसान हर बीज से उपज देखता है, वैसे ही निवेशक EPS से कंपनी की मेहनत का फल देखता है।

EPS बताता है कि कंपनी ने हर शेयर पर कितना मुनाफा कमाया।

📌 फॉर्मूला:

EPS = शुद्ध लाभ / कुल शेयरों की संख्या

🎯 उदाहरण:

अगर कंपनी का मुनाफा ₹10 करोड़ है और 1 करोड़ शेयर हैं, तो EPS = ₹10


💡 EPS क्यों ज़रूरी है?

  • कंपनी की कमाई समझने के लिए
  • डिविडेंड मिलने की संभावना जानने के लिए
  • और यह तय करने के लिए कि आप किस खेत में "बीज" बो रहे हैं

👉 EPS वो बीज है, जिसमें भविष्य की फसल छिपी होती है।


3. ROE (Return on Equity) – निवेश पर मिलने वाला असली फल

जैसे आप किसी पर भरोसा करके उसे पैसे देते हैं, ROE बताता है कि उस भरोसे ने कितना फल दिया।

ROE यह दर्शाता है कि कंपनी ने आपके दिए पैसों से कितनी कमाई की।

📌 फॉर्मूला:

ROE = (शुद्ध लाभ / शेयरधारकों की इक्विटी) × 100

🎯 उदाहरण:

अगर कंपनी ने ₹50 करोड़ कमाए और शेयरधारकों की इक्विटी ₹200 करोड़ है, तो ROE = 25%


💡 ROE क्यों ज़रूरी है?

  • यह बताता है कि कंपनी अपने संसाधनों का कितना सही उपयोग कर रही है
  • आपकी पूंजी से कितना लाभ निकाला जा रहा है

👉 ROE आपकी मेहनत की कमाई पर बना वो पुल है, जो आपको आर्थिक आज़ादी की ओर ले जाता है।


4. Book Value – अगर सब कुछ रुक जाए, तो आपके हिस्से में क्या बचेगा?

कभी सोचा है कि अगर कंपनी आज बंद हो जाए, तो आपके हिस्से में क्या आएगा?

Book Value वही उत्तर है।

📌 फॉर्मूला:

Book Value = कुल संपत्ति – कुल देनदारियाँ

Book Value Per Share = Book Value / कुल शेयर

🎯 उदाहरण:

अगर संपत्ति ₹500 करोड़ और देनदारियाँ ₹200 करोड़ हैं, तो Book Value = ₹300 करोड़

1 करोड़ शेयर हैं, तो प्रति शेयर Book Value = ₹300


💡 क्यों मायने रखता है?

  • यह शेयर की असली "ज़मीन" दिखाता है
  • बाजार के हल्ले से परे, यह आपकी सुरक्षा का आधार है

👉 Book Value वह नींव है, जिस पर आपके निवेश का घर खड़ा होता है।


5. Face Value – हर बड़े सफर की एक छोटी शुरुआत होती है

Face Value वो अंक है, जिससे कंपनी ने अपने शेयर की शुरुआत की। यह बाजार कीमत से अलग होती है, पर इसकी अहमियत बहुत गहरी है।

🎯 उदाहरण:

अगर किसी शेयर की Face Value ₹10 है और बाजार में वो ₹500 में बिक रहा है, तो भी Face Value वही ₹10 रहेगी।


💡 क्यों ज़रूरी है?

  • डिविडेंड की गणना इसी पर होती है
  • Bonus और Stock Split इसी के आधार पर होते हैं
  • यह निवेश की शुरुआत का आधार होता है

👉 Face Value बताता है कि हर महान चीज़ की एक सादा शुरुआत होती है।


निष्कर्ष – ये सिर्फ टर्म्स नहीं, ये आपके सपनों की सीढ़ियाँ हैं

शेयर बाजार में सफलता सिर्फ किस्मत या तुक्के से नहीं मिलती।

यह मिलती है समझदारी से, जानकारी से, और सही फैसलों से।

इन टर्म्स को समझना, अपने निवेश को एक मजबूत नींव देना है।


🎯 PE Ratio आपको कीमत का सच बताता है।

🎯 EPS आपकी हिस्सेदारी की कमाई दिखाता है।

🎯 ROE आपकी पूंजी का मुनाफा बताता है।

🎯 Book Value आपको सुरक्षा का स्तर दिखाता है।

🎯 Face Value उस जड़ को दर्शाता है, जिससे यह सफर शुरू हुआ।


"निवेश केवल पैसा लगाना नहीं है, यह अपने सपनों में विश्वास जताना है। और जब आप समझदारी से निवेश करते हैं, तो हर रुपया एक उम्मीद बनकर फलता है।" 😊

 

F&Qs:

Q1. PE Ratio क्या है?
Ans.
यह दिखाता है कि एक रुपये की कमाई के लिए निवेशक कितना भुगतान कर रहे हैं। यह कंपनी के मूल्यांकन का संकेत देता है।

Q2. EPS का मतलब क्या है?
Ans. EPS (Earnings Per Share) यानी प्रति शेयर आय। यह कंपनी की लाभप्रदता को दर्शाता है।

Q3. ROE क्यों जरूरी है?
Ans. ROE (Return on Equity) बताता है कि कंपनी ने शेयरधारकों की पूंजी से कितनी कमाई की।

Q4. Book Value क्या होती है?
Ans. कंपनी की परिसंपत्तियों से देनदारियों को घटाने के बाद का मूल्य। यह कंपनी का असली मूल्य है।

Q5. Face Value का मतलब क्या है?
Ans. यह शेयर का मूल मूल्य है, जो शुरुआत में कंपनी द्वारा तय किया जाता है।

 

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